परिचय
मैंने पत्थरों को भी रोते देखा हैं,
झरने के रूप में⚘
मैंने पेड़ों को प्यासा देखा हैं,
सावन की धूप में⚘⚘
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घुलमिल के बहुत रहते हैं, लोग जो
शातिर हैं बहुत⚘
मैंने अपनों को तनहा देखा हैं,
बेगानों के रूप में..🌻🌻https://www.facebook.com/dusto.kunal